नई दिल्ली : जहाँ एक तरफ फर्ज़ी मुठभेड़ को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है वहीं उसी पुलिस विभाग के एक निरीक्षक अपने अच्छे कामों से आए दिन लोगों के हृदय में पुलिस विभाग के प्रति इज्जत और अच्छी सोच को विकसित कर रहे हैं। जी हाँ, मैं बात कर रहा इंस्पेक्टर सुनील दत्त दुबे के विषय में, आप इस वक़्त भदोही जनपद के औराई कोतवाली में बतौर प्रभारी निरीक्षक पद पर तैनात हैं। श्री दुबे आठ जिलों के 34 थानों में अपनी सेवायें प्रदान कर चुके हैं। आपनें "आपरेशन तालाश" के अन्तर्गत 1995 से लेकर अब तक 100 से अधिक गुमशुदा बच्चों को उनके घर तक वापिस पहुचाया है। 1992 के मेरठ पीएससी धमाके में आपने बहादुरी का परिचय देते हुए 5 आतंकवादियों को जिन्दा पकडा और उनके मकसद को नाकाम किया। मिर्ज़ापुर में तैनाती के समय आपने "एंटी रोमियो" मुहिम के दौरान अपना हुलिया बदल कर कई रोमियो और आराजक तत्वों को सबक सिखाया।
जिला भदोही के औराई कोतवाली को मेट्रोपोलिटन पुलिस थानों के तरह मॉडल कोतवाली बनाने का भी श्रेय आपको जाता है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को सज़ा न देकर उन्हें प्रेम से नियम समझाने की पहल आपके द्वारा अपने थानाक्षेत्र में की गई है। आपको सरकार द्वारा अनेक पदक मिल चुके। इटावा में जन्मे श्री दुबे नें आगरा विश्वविद्यालय से एम फिल किया, देश की सेवा हेतु आपने तत्पश्चात 1990 में पुलिस विभाग को चुना।
दि सोशल क्राऊड नई दिल्ली आपके द्वारा किये गए कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करता है।
रिपोर्ट : मोहम्मद सलमान